अनामदास का पोथा उपन्यास पर लघूत्तरात्मक प्रश्न
1.अनामदास का पोथा किस विधा की रचना है?
*उपन्यास विधा ।
2.अनामदास का पोथा उपन्यास किसके द्वारा रचित है?
*आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा ।
3.अनामदास का पोथा उपन्यास का दूसरा नाम क्या है?
*अथ रैक्व आख्यान ।
4.रैक्व किस उपन्यास का प्रमुख पात्र है?
*अनामदास का पोथा।
5.रैक्व इस उपन्यास में ‘शुभा’ किसे कहते हैं?
*राजा जानश्रुति की कन्या जाबाला को ।
6.जाबाला क्यों बेहोश हो गई थी?
*बहुत अधिक आंधी के आ जाने के कारण उसके रथ के बैल तुड़ाकर भाग गए। रथ चालक की इस हादसे में मृत्यु हो गई और रथ से गिरने के कारण वह मूर्छित हो गई थी।
7.साध्वी ऋतंभरा कौन थी?
*ऋषि औषस्तिपाद की पत्नी एवं बाद में रैक्व को गोद लेने वाली उसकी मां।
8.अनामदास का पोथा उपन्यास की कथा मुख्यतः *किस उपनिषद से प्रभावित है?
*छांदोग्य उपनिषद ।
9.प्रारंभ में रैक्व किसे जीवन का आधार मानता है?
*वायु को ।
10.ऋजुता कौन थी?
*राजा ज्ञानश्रुति के सेवक (गाड़ीवान) की पत्नी। यह वही गाड़ीवान था जिसकी मृत्यु आंधी तूफान की विभीषिका के कारण हो गई थी।
11.अनामदास का पोथा उपन्यास की भूमिका द्विवेदी जी ने किस नाम से लिखी थी?
*इस उपन्यास की भूमिका को उन्होंने ‘अब मैं नाच्यो बहुत गुपाल’ नाम से लिखा।
12.उपन्यास में यह कौन कहता है कि दुखियों का दुख दूर करना ही सच्ची आध्यात्मिक साधना है, यही तप है, यही मोक्ष है ?
*गांव में पधारे हुए सिद्ध जिनसे जाबाला के गुरु औदुंबरायण मिलने गए थे।
13.जाबाला के गुरु का क्या नाम था?
*औदुंबरायण।
14.राजा जानश्रुति किस प्रकार के व्यक्ति थे?
*राजा जानश्रुति अत्यंत जिज्ञासु प्रवृत्ति के थे। वे हमेशा ऋषियों और संतों से ज्ञान चर्चा करने को लालायित रहते थे।वे अच्छे चरित्र के थे। अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद उन्होंने अपनी पुत्री जाबाला को अत्यंत स्नेह के साथ पाला। अपनी ग़लती का एहसास होने के बाद उन्होंने प्रजा का भरपूर ख़याल रखा।
15.जाबाला के व्यक्तित्व की क्या विशेषताएं थीं?
*जाबाला राजकन्या थी लेकिन उसमें अहंकार का न होना एवं सभी के प्रति उदारता का भाव दिखाया गया है। शरीर से कोमल और मन से अत्यंत दृढ़ निश्चय वाली जाबाला ज्ञान और बुद्धि का साक्षात प्रतीक थी। उसके स्वभाव में चपलता और गंभीरता का अद्भुत सामंजस्य था।
16.रैक्व की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालें।
*रैक्व रिक्व ऋषि का पुत्र था। उसके चरित्र में प्रारंभ से ही विचारशीलता का गुण देखा जा सकता है। पारदर्शिता, भावुकता तन्मयता, संयम और तपशीलता उसकी अन्य स्वभावगत विशेषताएं हैं। एक तरफ वाचालता तो वहीं दूसरी तरफ गंभीरता उसके स्वभाव की विशेषताएं हैं। परदुखकातरता, मैत्रीभाव और नरमी उसकी अन्य प्रमुख विशेषताएं हैं।
17.अनामदास का पोथा की मूल संवेदना पर टिप्पणी लिखें।
*अनामदास का पोथा रैक्व के रूप में एक जिज्ञासु साधक की आध्यात्मिक यात्रा के माध्यम से जीवन के महत्त्वपूर्ण प्रश्नों पर विचार करता है।जीवन का सार,परम शक्ति और सृष्टि के मूल तत्व जैसे प्रश्नों पर लंबी और गहरी चर्चाओं को दिखाया गया है।प्रेम के उदात्त भाव और उच्चस्तरीय रूप को भी इस उपन्यास में दर्शाया गया है।
© डॉ. संजू सदानीरा