चोर कहानी की मूल संवेदना
चोर कहानी की मूल संवेदना जैनेंद्र द्वारा रचित “चोर” एक मनोवैज्ञानिक कहानी है । जैनेंद्र मनोविश्लेषणात्मक एवं बाल मनोवैज्ञानिक कथाकार …
चोर कहानी की मूल संवेदना जैनेंद्र द्वारा रचित “चोर” एक मनोवैज्ञानिक कहानी है । जैनेंद्र मनोविश्लेषणात्मक एवं बाल मनोवैज्ञानिक कथाकार …
मजदूर दिवस 1 मई 2025: इतिहास, महत्त्व, भारत में स्थिति और महिलाओं की भूमिका हर साल मजदूर दिवस 1 …
ज्योतिबा फुले का जीवन परिचय, शिक्षा, आंदोलन और प्रासंगिकता आज जब हम स्वतंत्रता, समानता, समता और न्याय जैसे मूल्यों …
जलियांवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल 1919: एक ऐतिहासिक त्रासदी जलियांवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल 1919 इतिहास में दर्ज़ एक …
विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल : थीम, इतिहास, महत्त्व और प्रासंगिकता जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं में स्वास्थ्य का महत्त्वपूर्ण …
आदिकाल की परिस्थितियां भारतीय साहित्य में हिंदी साहित्य की बात होते ही हिंदी साहित्य के इतिहास की बात होती है …
पितृसत्ता और यौन अपराधों का अन्तर्सम्बन्ध रोज़-रोज़ समाचारों में यौन अपराध से भरी खबरों को पढ़ कर अगर उस …
यह दंतुरित मुस्कान कविता की व्याख्या नागार्जुन प्रगतिवादी काव्यधारा के प्रतिनिधि कवि हैं। हिंदी के अलावा मैथिली भाषा में …
पूछती है बेकळू कविता की व्याख्या/मूल संवेदना ओम पुरोहित ‘कागद’ राजस्थान के समकालीन कवियों में महत्त्वपूर्ण स्थान रखते …
दिवस का अवसान समीप था कविता की मूल संवेदना अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ हिंदी के एक बहुचर्चित कवि हैं। …