त्यागपत्र उपन्यास के आधार पर मृणाल का चरित्र चित्रण

त्यागपत्र उपन्यास के आधार पर मृणाल का चरित्र चित्रण

 

हिंदी साहित्य में जैनेंद्र का स्थान अत्यंत ऊंचाई पर माना जाता है उनके साहित्य में दर्शन और मनोविज्ञान प्रमुख रूप से समादिष्ट हैं। स्त्री के प्रति मानवीय दृष्टिकोण और सामाजिक बुराइयों के प्रति उपेक्षा का भाव उनके साहित्य की अन्य महत्त्वपूर्ण विशेषताएं हैं। परख, सुनीता, त्यागपत्र, कल्याणी, विवर्त, सुखदा और मुक्तिबोध जैनेंद्र के प्रसिद्ध उपन्यास हैं। वातायन, नीलम देश की राज कन्या, पाजेब इत्यादि उनके प्रमुख कहानी संग्रह हैं।

मृणाल जैनेंद्र कुमार के अत्यंत प्रसिद्ध उपन्यास त्यागपत्र की प्रमुख स्त्री पात्र एवं उपन्यास की नायिका है। मृणाल हिंदी साहित्य की सबसे सशक्त एवं विचारशील स्त्री पात्रों में से एक मानी जाती है। वह केवल एक चरित्र नहीं बल्कि उसमें की स्त्री की स्वतंत्रता, आत्म सम्मान और अस्तित्व की खोज का प्रतीक बन जाती है। उपन्यास के आधार पर मृणाल के चरित्र की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं।

स्वतंत्र विचारों वाली स्त्री

मृणाल बचपन से ही एक ऐसी लड़की है जो अपने आसपास के परिवेश और रूढ़ियों से प्राप्त विचारों के विपरीत सोचती है। अपनी पसंद, रुचि और सोच को लेकर वह पूरी तरह स्वतंत्र विचारों से युक्त है।

विद्रोही स्वभाव

मृणाल स्वभाव से विद्रोही है उसे अपनी या किसी के भी साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं होता है। अपनी कमज़ोर से कमज़ोर अवस्था में भी वह अपनी विद्रोह की प्रवृत्ति का दामन नहीं कर पाती।

आत्मनिर्भरता

मृणाल ने उपन्यास के माध्यम से उन स्त्रियों का प्रतिनिधित्व किया है जिन्होंने हर कठिनाई के बावजूद अपने बाजुओं पर भरोसा किया और अपनी मेहनत की कमाई से गुज़ारा किया।

त्यागशीलता

मृणाल को उपन्यास में शुरू से ही त्याग की मूर्ति के रूप में दर्शाया गया है। अपने भाई और भाभी से मृणाल किसी प्रकार का हक़ नहीं मांगती। पति जब साथ नहीं रखना चाहता तो उससे भी बिना कुछ लिए परिस्थितियों को सहर्ष स्वीकार कर लेती है। वह जहां रहती है वहां से सब कुछ छोड़कर चुपचाप चले जाना उसकी त्याग की भावना का परिचय देता है।

दार्शनिक विचारों से युक्त

मृणाल को उपन्यासकार में किसी अपरिपक्व किशोरी के रूप में चित्रित न करके एक ऐसी चिंतनशील युवती के रूप में दर्शाया है जो दार्शनिक आधार पर जीवन को लेकर चलती है। पति-पत्नी, माता-पिता, विवाह, समाज और जीवनसाथी के बारे में व विशेष रूप से उच्च स्तरीय दार्शनिक मान्यताओं से युक्त है।

संवेदनशीलता

संवेदनशीलता मृणाल के स्वभाव की एक अत्यंत उल्लेखनीय विशेषता है। स्वभाव से विद्रोही होने के बावजूद प्राणिमात्र के प्रति संवेदना और करुणा से भरी हुई है।

उपन्यास की नायिका

मृणाल त्यागपत्र उपन्यास की नायिका है। उपन्यास में कथा का केंद्र बिंदु मृणाल के जीवन की घटनाएं हैं। स्त्री विमर्श की दिशा में मृणाल के जीवन की उठापटक और उसके साहसिक निर्णय समझने योग्य हैं।

इस प्रकार हम देखते हैं कि महान दार्शनिक कथाकार जैनेंद्र ने त्यागपत्र के रूप में कालजयी रचना एवं मृणाल के रूप में एक उल्लेखनीय स्त्री पात्र की सर्जना की । मृणाल के चरित्र में दृढ़ निश्चय, पारदर्शिता, साहस, ईमानदारी, करुणा और उच्च चिंतनशीलता उसे सभी औपन्यासिक चरित्रों में एक अविस्मरणीय चरित्र बनाता है।

 

© डॉ. संजू सदानीरा

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Dr. Sanju Sadaneera

डॉ. संजू सदानीरा एक प्रतिष्ठित असिस्टेंट प्रोफेसर और हिंदी साहित्य विभाग की प्रमुख हैं।इन्हें अकादमिक क्षेत्र में बीस वर्षों से अधिक का समर्पित कार्यानुभव है। हिन्दी, दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान विषयों में परास्नातक डॉ. संजू सदानीरा ने हिंदी साहित्य में नेट, जेआरएफ सहित अमृता प्रीतम और कृष्णा सोबती के उपन्यासों पर शोध कार्य किया है। ये "Dr. Sanju Sadaneera" यूट्यूब चैनल के माध्यम से भी शिक्षा के प्रसार एवं सकारात्मक सामाजिक बदलाव हेतु सक्रिय हैं।

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