संयुक्त राष्ट्र दिवस 24 अक्टूबर 2025 (United nation day 24 October 2025) : इतिहास, महत्त्व और प्रासंगिकता
संयुक्त राष्ट्र दिवस (United Nations Day) हर साल 24 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र चार्टर लागू होने की याद में पूरी दुनिया भर में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो दुनिया भर में शांति, सुरक्षा, सहयोग, समानता, न्याय और सद्भावना को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था। इसका मकसद पूरे विश्व को एकजुट करना, वैश्विक चुनौतियों का समाधान ढूंढना और सतत समावेशी विकास को बढ़ावा देकर विश्व में शांति की स्थापना करना है। इसके लिए समय-समय पर संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से अनेक कार्यक्रम और परियोजनाएं संचालित की जाती हैं।
संयुक्त राष्ट्र दिवस का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
पहले और दूसरे विश्व युद्ध के नतीजे को देखते हुए भविष्य में इस तरह के खतरों को रोकने के लिए और दुनिया भर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की गई थी। हालांकि पहले विश्व युद्ध के बाद इसी उद्देश्य से लीग ऑफ नेशन्स बनाया गया था लेकिन वह युद्ध को रोकने में असफल रहा जिसका नतीजा दूसरे विश्व युद्ध के रूप में देखने को मिला। इसके बाद 24 अक्टूबर 1945 को 51 देशों की मंजूरी के साथ संयुक्त राष्ट्र चार्टर बनाया गया आज इसमें भारत समेत कुल 193 सदस्य देश हैं।
संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यूयॉर्क में स्थित है। यह न केवल शांति, सुरक्षा बल्कि मानवाधिकार, पर्यावरण संरक्षण, सतत समावेशी विकास और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में भी योगदान देता है। संयुक्त राष्ट्र का मकसद पूरी दुनिया में शांति, समानता, न्याय के साथ ही समावेशी विकास को सुनिश्चित करना है।
संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख उद्देश्य
संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुसार संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख उद्देश्य है- युद्धों को रोकना, विभिन्न देशों में चल रहे विवादों का शांतिपूर्ण समाधान निकालना और सुरक्षा और शांति को बढ़ावा देना। इसके लिए सभी देशों के बीच सहयोग समझ और बंधुत्व की भावना को बढ़ावा देना इसके कार्यों में शामिल है। यह सभी देशों के बीच आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और तकनीकी समस्याओं के समाधान के लिए सहयोग को भी बढ़ावा देता है।
दुनिया में मौजूद सभी लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा करना, सभी के लिए स्वतंत्रता, समानता और गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करना भी संयुक्त राष्ट्र का एक उद्देश्य है। इसके लिए समय समय पर तमाम कार्यक्रम और परियोजनाएं संयुक्त राष्ट्र के द्वारा चलाई जाती हैं और इनका समय-समय पर मूल्यांकन भी किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियाँ जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), यूनिसेफ (UNICEF), और यूनेस्को (UNESCO) मिलकर वैश्विक चुनौतियों जैसे जलवायु परिवर्तन, गरीबी, असमानता, महामारी और युद्ध को रोकने के लिए महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
संयुक्त राष्ट्र दिवस का महत्त्व
संयुक्त राष्ट्र की स्थापना अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार, शांति, एकता, न्याय और समावेशी विकास का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाता है कि जलवायु परिवर्तन, गरीबी, भुखमरी, भेदभाव और युद्ध जैसे समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों की ज़रूरत है। 2025 में जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के 80 साल पूरे हो रहे हैं। इस अवसर पर पूरी दुनिया भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिसमें सेमिनार, जागरूकता अभियान और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र दिवस के कार्यक्रमों में सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के प्रति जागरूकता फैलाना, उसकी प्रगति की समीक्षा करना और ज़रूरत पड़ने पर उसमें संशोधन करना भी शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने समय-समय पर महत्त्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है अपनी स्थापना यानी 1945 से लेकर अब तक लगभग 71 शांति मिशन चलाए गए हैं जिसने कई देशों के बीच संघर्ष को कम करने में मदद की है। इसमें से 12 मिशन अब भी ज़ारी हैं। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम में 2024 में 15 करोड़ से ज़्यादा लोगों को भोजन की सहायता उपलब्ध कराई। संयुक्त राष्ट्र ने 2015 में 17 सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की घोषणा की थी जिन्हें 2030 तक पूरा करना है इसमें गरीबी, भुखमरी, भेदभाव को ख़त्म कर सभी के लिए साफ हवा, पानी, खाना, पर्यावरण और समान अवसर उपलब्ध कराने जैसे लक्ष्य शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र की 2024 की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार अब तक 15 फीसद लक्ष्य पूरे हो चुके हैं। हालांकि जलवायु परिवर्तन और असमानता जैसे क्षेत्रों में अभी बहुत काम किया जाना बाकी है। 1980 के दशक में संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेचक को पूरी तरह से खत्म करने में सफलता हासिल की जो स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि के तौर पर मानी जाती है।
संयुक्त राष्ट्र के सामने चुनौतियां
हालांकि संयुक्त राष्ट्र ने समय-समय पर अपने कार्यक्रमों के माध्यम से वैश्विक स्तर पर बहुत सारी चुनौतियों का सामना किया और समाधान भी निकाला लेकिन अभी भी बहुत सारी समस्याएं ऐसी हैं जिन पर काम करना है। दुनिया भर में बढ़ रहे जलवायु परिवर्तन और एक्सट्रीम वेदर जैसी घटनाएं आज एक बड़ी चुनौती बनी हुई हैं। इसके अलावा आए दिन नई-नई बीमारियां ईजाद हो रही है जैसे कि 2020 में आई कोरोना महामारी। इन सब से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में पूरी दुनिया को एकजुट होकर काम करना पड़ेगा।
संयुक्त राष्ट्र के सामने आर्थिक समस्याएं भी हैं इसके लिए सभी देशों को मिलकर सहयोग करने की ज़रूरत है जिससे संयुक्त राष्ट्र अपना काम ठीक ढंग से कर सके। पिछले एक दशक में बड़े देशों के बीच भू राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है। रूस-यूक्रेन, अमेरिका-चीन, इजराइल-फिलिस्तीन जैसे देशों के बीच चल रहे संघर्षों असर पूरी दुनिया को झेलना पड़ रहा है। इससे मानवाधिकार पर भारी संकट चल रहा है। इस वजह से संयुक्त राष्ट्र की बहुत सारी परियोजनाएं अटक जाती हैं और सतत समावेशी लक्ष्यों को हासिल करने में बाधा आती है।
इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र के COP सम्मेलनों के बावजूद जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा ख़तरा बन रहा है। इन सारी चुनौतियों से निपटने के लिए सभी देशों को एकजुट होना पड़ेगा तभी कोई समाधान निकाला जा सकता है।
आगे का रास्ता
भारत संयुक्त राष्ट्र का एक संस्थापक सदस्य है और इसमें समय-समय पर इसके तमाम कार्यक्रमों और शांति मिशनों में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। यूएन पीसकीपिंग के अनुसार अब तक भारत ने शांति मिशनों में 2,75,000 से अधिक सैनिकों को भेजा है। इसके साथ ही भारत संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को हासिल करने के लिए भी लगातार कोशिश कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र दिवस 24 अक्टूबर के अवसर पर वैश्विक शांति, सहयोग और सतत समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता को फिर से दोहराने का अवसर है। संयुक्त राष्ट्र के 80 साल के योगदान ने दुनिया को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
यह दिन केवल संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के लिए उत्सव मनाने का नहीं बल्कि इसकी सार्थकता को साबित करने का भी दिन है। यह दिन शांतिपूर्ण सह अस्तित्व, समावेशी विकास, समानता और न्याय सुनिश्चित कर सभी नागरिकों को गरिमापूर्ण जीवन जीने के अधिकार को सुनिश्चित करने का भी दिन है।
© प्रीति खरवार