एक बूंद कविता की मूल संवेदना / व्याख्या
एक बूंद कविता की मूल संवेदना / व्याख्या एक बूंद कविता द्विवेदी युग के अत्यंत महत्त्वपूर्ण कवि अयोध्या सिंह …
एक बूंद कविता की मूल संवेदना / व्याख्या एक बूंद कविता द्विवेदी युग के अत्यंत महत्त्वपूर्ण कवि अयोध्या सिंह …
न को हार नह जित्त पद की व्याख्या न को हार नह जित्त, रहेइ न रहहि सूरर्वर । घर …
संजू सदानीरा की चुनी हुई कविताएं 1. मजबूत इरादों वाली औरतें, जो अपनी शर्तों पर जीती हैं अपना जीवन, नहीं …
समकालीन कविता साहित्य के अनेक जानकार नयी कविता और साठोत्तरी कविता को ही समकालीन कविता बताते रहते हैं कुछ …
भई जु आनि अबाज आय सहाबुद्दीन सुर पद की व्याख्या भई जु आनि अबाज, आय सहाबदीन सुर । आज …
निकट नगर जब जान, जाय वरि विंद उभय मय पद की व्याख्या निकट नगर जब जान, जाय वरि विंद …
बज्जिय घोर निसान रान चौहान चहुं दिस पद की व्याख्या बज्जिय घोर निसान, रान चौहान चहुं दिस। सकल सूर सामंत, …
सुनि गज्जनै आवाज पद की व्याख्या सुनि गज्जनै आवाज, चढ्यो साहाबदीन बर। पुरासान सुलतान, कास काविलिय मीर घर। जंग …
उहै घरी उहि पलनि, उहै बिना पद की व्याख्या उहै घरी उहि पलनि, उहै बिना यर उहै सजि । …
हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए ग़ज़ल की व्याख्या हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए …