बिन गोपाल बैरिनि भई कुंजैं पद की व्याख्या
बिन गोपाल बैरिनि भई कुंजैं पद की व्याख्या बिन गोपाल बैरिनि भई कुंजैं। तब ये लता लगति अति सीतल, …
बिन गोपाल बैरिनि भई कुंजैं पद की व्याख्या बिन गोपाल बैरिनि भई कुंजैं। तब ये लता लगति अति सीतल, …
मधुकर स्याम हमारे चोर पद की व्याख्या प्रसंग आचार्य रामचंद्र शुक्ल द्वारा संपादित ‘भ्रमरगीत सार’ से उद्धृत पद मधुकर …
कान्ह भए बस बांसुरी के पद की व्याख्या कान्ह भए बस बांसुरी केअब कौन सखि! हमको चहिहै। …
खेलत फाग सुहाग भरी अनुरागहिं लालन को धरि कै पद की व्याख्या खेलत फाग सुहाग भरी अनुरागहिं लालन …
मोर पखा सिर ऊपर राखिहौ पद की व्याख्या मोर पखा सिर ऊपर राखिहौं गुंज की माला गरे पहिरौंगी। ओढि …
या लकुटी अरु कामरिया पर पद की व्याख्या प्रसंग- या लकुटी अरु कामरिया पर पद (सवैया) अनन्य कृष्ण भक्त कवि …
मन पछितैंहैं अवसर बीते पद की व्याख्या : Man pachhitaihain avsar beete “मन पछितैंहैं अवसर बीते। दुर्लभ देह पाइ …
जो निज मन परि हरै विकारा पद की व्याख्या “जो निज मन परि हरै विकारा । तौ …
धर्मवीर भारती की कविता ‘बोआई का गीत’ की मूल संवेदना : Boaai ka geet धर्मवीर भारती हिंदी कविता …
यह धरती है उस किसान की कविता की मूल संवेदना : Yeh dharti hai us kisaan ki प्रस्तुत कविता …