बीए सेमेस्टर फर्स्ट हिन्दी साहित्य द्वितीय पत्र
महत्त्वपूर्ण बिंदु–
विशिष्टाद्वैतवाद-रामानुजाचार्य
द्वैतवाद- मध्वाचार्य
शुद्धाद्वैतवाद- बल्लभाचार्य
द्वैताद्वैतवाद( भेदाभेदवाद) -निम्बार्काचार्य
( इन्हें भगवान कृष्ण के सुदर्शन चक्र का अवतार माना जाता है।)
अद्वैतवाद- शंकराचार्य
श्री संप्रदाय- रामानुजाचार्य
ब्रह्म संप्रदाय- मध्वाचार्य
रूद्र संप्रदाय- विष्णु स्वामी
सनकादि संप्रदाय(अन्य नाम- निम्बार्क संप्रदाय, हंस संप्रदाय, देवर्षि संप्रदाय- निम्बार्काचार्य।
हरिदासी संप्रदाय ( सखी संप्रदाय) – स्वामी हरिदास
राधा वल्लभ संप्रदाय- हितहरिवंश( इन्हें श्रीकृष्ण की वंशी का अवतार माना जाता है।)
चैतन्य संप्रदाय- चैतन्य महाप्रभु ( पश्चिम बंगाल/ पूर्वी भारत में कृष्ण भक्ति का प्रसार)
वारकरी संप्रदाय- संत ज्ञानदेव ( महाराष्ट्र)
(ये तुलसी की माला धारण करने के लिए जाने जाते हैं।)
आलवार महिला संत- आंडाल
लल्लेश्वरी- कश्मीरी भक्त कवयित्री ललद्यद
आलवार संतों की संख्या -12
नयनार भक्तों की संख्या- 63
कबीर का जीवन काल- 1398- 1518 (संत काव्य के प्रवर्तक)
जायसी का जीवन काल- 1477-1542 सूफी काव्य के प्रवर्तक
(दिखने में कुरूप होने के कारण जायसी का मजाक बनाया -बादशाह शेरशाह ने)
प्रमुख सूफी रचनाएँ और उनके रचनाकार–
1.सत्यवती कथा(1500) – ईश्वरदास
हजारीप्रसाद द्विवेदी जी ने इसे प्रथम सूफी काव्य माना।
2.मृगावती(1501)- कुतुबन इन्हें आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने प्रथम सूफी कवि माना।
3. चंदायन(1379) दूसरा नाम लोर कहा)/लोरकथा- मुल्ला दाउद ( इसको अवधी का प्रथम प्रबंध काव्य माना जाता है।)
4. हंसावली- असाइत
5. लखनसेन पद्मावती कथा- दामोदर कवि
6. माधवानल कामकंदला ( राजस्थानी)- गणपति
7. माधवानल कामकंदला (अवधी) –
8. पद्मावत- मलिक मुहम्मद जायसी
9. मधुमालती- मंझन
10. चित्रावली- उसमान
11. रसरतन- पुहकर
12. ज्ञानदीप- शेख नबी
13. हंस जवाहिर- कासिम शाह
14. अनुराग बांसुरी- नूर मुहम्मद ( अंतिम सूफी रचना)