व्याकरण और वर्ण विचार

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व्याकरण और वर्ण विचार : Hindi Grammar

जिस शास्त्र के अध्ययन से हमें शुद्ध शुद्ध लिखना पढ़ना और बोलना आता है उसे व्याकरण कहते हैं। प्रत्येक भाषा का अपना विशिष्ट व्याकरण होता है, जिसके आधार पर उसकी भाषा काम करती है। दूसरे शब्दों में व्याकरण नींव है और भाषा उस पर टिकी इमारत। इसी आधार पर हम हम कह पाते हैं फलां शब्द की मात्रा, वचन या लिंग फलां वाक्य में ग़लत है।

उदाहरण के लिए हिन्दी में वचन दो होते हैं तो संज्ञा के एकवचन और बहुवचन दो ही रूप होते हैं-
लड़का- लड़के
लड़की- लड़कियाँ

दूसरी तरफ संस्कृत में वचन तीन होते हैं तो संज्ञा के एकवचन, द्विवचन और बहुवचन तीन शब्द रूप होते हैं-
फलम् फले फलानि
बालक: बालकौ बालका:

अंग्रेजी में Boy में “s” लगाकर उसका बहुवचन बनाते हैं जबकि City में “y” को हटाकर उसकी जगह ” ies”लगाकर उसका बहुवचन बनाते हैं क्योंकि यह अंग्रेजी ग्रामर के नियम में आता है। कहने का तात्पर्य है कि व्याकरण ही वह कसौटी है, जिस पर भाषा को कसा जाता है। व्याकरण के शास्त्री को वैयाकरण या व्याकरणाचार्य कहा जाता है। संस्कृत में पाणिनि को सुप्रसिद्ध वैयाकरण माना जाता है। हिन्दी में आधुनिक काल में आकर द्विवेदी युग में हिन्दी व्याकरण में काम हुआ। कामताप्रसाद “गुरु” और भगवतीप्रसाद वाजपेयी ने व्याकरण ग्रंथ लिखे।

प्रश्न-1. हिन्दी व्याकरण के कितने भाग हैं?

उत्तर – पुराने समय की हिन्दी व्याकरण में निम्न पांच भागों का उल्लेख होता था-
वर्ण विचार, शब्द विचार, वाक्य विचार, चिह्न विचार, छंद विचार। आजकल प्रथम तीन को व्याकरण के भाग मानते हैं और शेष दो को व्याकरण के विभिन्न विषयों/अध्यायों में गिना जाता है।

प्रश्न-2. वर्ण किसे कहते हैं?

उत्तर- वर्ण व्याकरण की उस मूल ध्वनि को कहते हैं, जिसके और खंड या टुकड़े नहीं किये जा सकते। जैसे- अ, इ, उ, ऋ।
वर्ण को अक्षर भी कहते हैं, जो दो वर्णों से मिल कर बना है- अ+क्षर= अक्षर अर्थात जिसका नाश न हो। ईश्वर का एक पर्यायवाची इसीलिए “अक्षर” भी है।

प्रश्न-3. वर्ण के कितने भेद हैं?

उत्तर- मुख्यतः वर्ण के निम्न दो भेद हैं-
1-स्वर वर्ण
2- व्यंजन वर्ण

प्रश्न-4. स्वर वर्ण की परिभाषा दीजिए।

उत्तर- जिन वर्णों का उच्चारण बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से किया जाता है, उन्हें स्वर वर्ण कहते हैं। अथवा जिन वर्णों के उच्चारण में वायु मुख के किसी भाग का स्पर्श नहीं करती और मुख से अवरोध रहित निकल जाती है, उन वर्णों को स्वर वर्ण कहते हैं। जैसे- अ, आ, इ, ई इत्यादि।

प्रश्न-5. व्यंजन वर्ण की परिभाषा दीजिए।

उत्तर- जिन वर्णों का उच्चारण स्वर वर्णों की सहायता से होता है, अथवा जिन वर्णों के उच्चारण में वायु मुख के किसी न किसी भाग का स्पर्श कर बाहर निकलती है, उन्हें व्यंजन वर्ण कहते हैं। जैसे- सभी वर्गीय व्यंजन ( क ,च,ट,त,प इत्यादि) और वर्णमाला के स्वरों के अतिरिक्त वर्ण।

प्रश्न-6. स्वर वर्ण के कुल कितने भेद हैं?

उत्तर- स्वर वर्ण के कुल तीन भेद हैं-
1. मूल स्वर
2. दीर्घ स्वर और
3. संयुक्त स्वर।
1. मूल स्वर- जिन स्वरों में किसी अन्य स्वर की मिलावट नहीं हो और जो भाषा और ध्वनि की मूल इकाई हो, उन्हें मूल स्वर कहते हैं।
इनकी संख्या चार है- अ, इ, उ, ऋ।
2. दीर्घ स्वर- दीर्घ स्वर उन्हें कहते हैं, जो दो समान मूल स्वरों को मिला कर बनाए जाते हैं। इनकी संख्या तीन है।
यथा- अ+अ= आ
इ+इ= ई
उ+उ= ऊ
दीर्घ संधि में इस नियम का प्रमुखतः पालन किया जाता है।
कुछ लोग संयुक्त स्वरों को भी इनके साथ जोड़ कर संख्या आठ कर देते हैं ( ऋ सहित), जो कि अलग से समझने के लिहाज से सही नहीं है।
3. संयुक्त स्वर- जब दो असमान स्वरों को मिला कर तीसरा नया स्वर बनता है तो उसे संयुक्त स्वर कहा जाता है।
यथा- अ+ इ=ए
अ+ ए=ऐ
अ+ उ= ओ
अ+ ओ= और
गुण और वृद्धि संधि में इन संयोजनों के नियम का पालन होता है।

प्रश्न-7. अयोगवाह किसे कहते हैं और इनकी संख्या कितनी है?

उत्तर- जिन वर्णों का वर्णमाला में न योग ही हो और और न उन्हें हटाया जा सके उनका प्रवाह (प्रयोग) बना रहे, उन्हें अयोगवाह कहते हैं।
इनकी संख्या दो है- अं और अ:।
पारंपरिक वर्णमाला में स्वरों की संख्या अयोगवाह सहित तेरह मानी जाती थी परंतु आजकल ऋ सहित ग्यारह स्वर और अं और अ: ये दो अयोगवाह माने जाते हैं।

प्रश्न-8. हिन्दी भाषा में स्पर्श व्यंजन कितने हैं?

उत्तर- तैंतीस (33)

प्रश्न-9. हिन्दी में वर्गीय व्यंजन कितने हैं?

उत्तर- पच्चीस (25)
क वर्ग , च वर्ग, ट वर्ग, त वर्ग और प वर्ग।

प्रश्न-10. अंतस्थ व्यंजन कितने हैं?

उत्तर- चार
य र ल व।

प्रश्न-11. ऊष्ण व्यंजन कितने हैं?

उत्तर- चार।
श ष स ह।

प्रश्न-12. द्विगुण व्यंजन कितने हैं?

उत्तर- दो।
ड़ और ढ़

प्रश्न-13. संयुक्त वर्ण कितने हैं? नाम लिखें।

उत्तर- चार।
क्ष त्र ज्ञ श्र।

प्रश्न-14. द्वित्व व्यंजन किसे कहते हैं?

उत्तर -जब किसी शब्द में समान वर्ण पहले आधा और फिर पूरा आए तो उसे द्वित्व वर्ण कहते हैं। जैसे- कच्चा, पक्का, पत्ता। ।

प्रश्न-15. संयुक्त व्यंजन किसे कहते हैं?

उत्तर-जब किसी शब्द में पहले कोई आधा अक्षर आये और उसके बाद दूसरा भिन्न अक्षर आये तो उसे संयुक्ताक्षर कहते हैं। आधे की अलग से गिनती नहीं होती। जैसे- गड्ढा, विद्या, चिट्ठी।

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