नैना निपट बंकट छबि अटके पद की व्याख्या
नैना निपट बंकट छबि अटके पद की व्याख्या नैना निपट बंकट छबि अटके। देखत रूप मदनमोहन को, पियत पियूख …
नैना निपट बंकट छबि अटके पद की व्याख्या नैना निपट बंकट छबि अटके। देखत रूप मदनमोहन को, पियत पियूख …
खेलत फाग सुहाग भरी अनुरागहिं लालन को धरि कै पद की व्याख्या खेलत फाग सुहाग भरी अनुरागहिं लालन …
मोर पखा सिर ऊपर राखिहौ पद की व्याख्या मोर पखा सिर ऊपर राखिहौं गुंज की माला गरे पहिरौंगी। ओढि …
मानुस हौं तो वही रसखान सवैये की व्याख्या मानुस हौं तो वही रसखान बसौ ब्रज गोकुल गाँव के ग्वारन। …
रसखान की कृष्ण भक्ति रसखान की कृष्ण भक्ति एवं काव्य सौष्ठव पर प्रकाश डालें । अथवा अथवा रसखान के …
तुलसीदास की भक्ति भावना : Tulsidas ki bhakti bhawna तुलसीदास का राम भक्ति शाखा में योगदान रेखांकित करें। अथवा …
मन पछितैंहैं अवसर बीते पद की व्याख्या : Man pachhitaihain avsar beete “मन पछितैंहैं अवसर बीते। दुर्लभ देह पाइ …
तुलसीदास रचित “ऐसो को उदार जग माहीं” पद की व्याख्या : Aeso ko udaar jag maahi ऐसो को उदार …
जो निज मन परि हरै विकारा पद की व्याख्या “जो निज मन परि हरै विकारा । तौ …
केसव कहि न जाइ का कहिये पद की व्याख्या : kesav kahi na jai ka kahiye “केसव कहि …
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